India's first blind I.A.S Officer Pranjal Patil, story of pranjal patil, motivational story of I.A.S., journey of pranjal patil.
"जितना कठिन संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी "
महाराष्ट्रकी रहेनेवाली प्रांजल पाटिल I दोस्तों जब प्रांजल पाटिलकी
उम्र ६ साल की थी तबसे प्रांजल पाटिल अपनी दोनों आँखे खो चुकी थी I यानि की वो दोनों आँखो से नहीं देख पा रही थी तो निश्चित तोर से
परिवार टेंशन में था , परिवार दुखी था की अब बेटी हे तो बड़ी होगी तो शादी की फ़िक्र उसका भविष्य केसे जायेगा वो जब हम नहीं
होंगे तो अपने आपको केसे संभालेगी I ये सब परेशानी प्रांजल पाटिल के परिवार को सता
रही थी I
लेकिन दोस्तों जब प्रांजल
पाटिल की आयु बढ़ने लगी तो वो अपने आपमें एक अलगसी पहेचान बनाने लगी I उसकी उम्र के
साथ साथ प्रांजल के सपने भी बड़े होने लगे I वो अपने जीवनमे कुछ करना चाहती I
प्रांजल प्रज्ञाचक्षु थी
फिर भी सपने बडे थे और उसकी वजह से प्रांजल अपने आत्मविश्वास के साथ अभ्यास को आगे
बढाया और अपना ग्रेजुएशन पूरा किया I दोस्तों प्रांजल आम लड़की नहीं थी प्रांजल वो
लड़की थी जिसकी दोनों आँखे नहीं थी और उसने ग्रेजुएशन पूरा किया यर बहोत बढ़ी बात हे
I
लेकिन प्रांजल इतनमें
खुस होने वाली लड़की नहीं थी I ग्रेजुएसन खतम करने के बाद ये भारत की बेटी ने देश
की सबसे कठिन परीक्षा देने की ठान ली I प्रांजल पाटिल यु.पी.एस.सी. की परीक्षा पास
कर के देश के लिए कुछ करना चाहती थी I लेकिन दोस्तों परेशानी अब ये थी की ये
परीक्षा जो आम स्टूडेंट्स होते हे उनके लिए भी कठिन होती हे वो लोग भी बड़ी महेनत काफी महीनो सालो की
पढाई के बाद पास कर पाते हे तो प्रांजल कि
तो दोनों आँखे नहीं थी वो पढाई केसे करती फिर भी उसने हार नहीं मानी और ब्रेन लिपि
का उपयोग किया तो कई बार टोकिंग कंप्यूटर
का उपयोग किया और एग्जाम की तैयारी की I
प्रांजल ने २०१६ में
पहेली बार यु.पी.एस.सी. की परीक्षा दी I में और आप सब लोग जानते हे की ये परीक्षा
कितनी कठिन हे I ख़ुशी की बात येहे दोस्तों की भारतकी ये बेटी ने यु.पी.एस.सी. की
परीक्षा अपने पहेले ट्रायल में ही पास कर दि और पुरे देश में ७७३ वा स्थान प्राप्त
किया I
लेकिन दोस्तों प्रांजल
आई.ऐ.एस. बनना चाहती थी और ७७३ वा रेंक के साथ वो आई.ऐ.एस नहीं बन शकती थी I अब
क्या करती प्रांजल लेकिन दोस्तों कहेते हेना की जिसके इरादे बुलंद होते हे उसे कोई
भी परेशानी हरा नहीं पाती यही था प्रांजल पाटिल के साथ उसने हार नही मानी और पहेले से ज्यादा महेनत की और अगले ही साल २०१७ में फिर से यु.पी.एस.सी. की परीक्षा दी और
पुरे देश में १२४ वा स्थान प्राप्त किया I
उसके साथ ही प्रांजल
पाटिल देश की पहेली नेत्रहीन आई.ऐ.एस ऑफिसर बन गई I
“ जो सपने देखते है और उन्हें पूरा करने की कीमत चुकाने को तैयार
रहेते है वो वही लोग है जो सफल होते है “
दोस्तों,आप ये आर्टिकल NISVARTH PREM के माध्यम से पढ़ रहे है I
अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आपके सुजाव COMMENT BOX में जरुर बताना और NISVARTH PREM को FOLLOW करना मिलते है दोस्तों अगले आर्टिकल में नई स्टोरी के साथ ......जय हिन्द I
Supb
ReplyDeleteThank you for your compliment
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